पांच दिनों में लगभग 50 गैर पंजीकृत तथा अनाधिकृत मामलों में पुलिस प्राथमिकी दर्ज
चंडीगढ़, 2 जनवरी 2014:
हरियाणा खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पिछले पांच दिनों में लगभग 50 गैर पंजीकृत तथा अनाधिकृत झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है तथा उनके चिकित्सा उपकरणों एवं दवाइयों को कब्जे में लिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य एवं औषध प्रशासन के आयुक्त डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि इस दौरान 10 मामले एमटीपी एक्ट के तहत भी दर्ज किये गये है, जिसमें से छह मामले बहादुरगढ़ के है जबकि एक-एक मामला लाखनमाजरा, हांसी, फतेहाबाद तथा सिरसा का है। डॉ गुप्ता ने बताया कि खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा अप्रैल, 2013 से अब तक गैर पंजीकृत तथा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगभग 240 मामले दर्ज करवाये जा चुके है। इनमें फरीदाबाद के 61 मामले, अंबाला के 43 मामले, कुरूक्षेत्र के 23 मामले, गुड़गांव के 31 तथा सिरसा के 14 मामले शामिल हैं। राज्य औषध नियंत्रक डॉ जी एल सिंगल ने बताया कि इस अभियान के दौरान ऐसे और भी मामले सामन आये है, जिनमें दाईयां व एएनएम गैर कानूनी ढंग से गर्भपात करती पायी गई है। इस दौरान उनके कब्जे से भारी मात्रा में वैज्ञानिक औजार पाये गये है। इन सभी के खिलाफ के एमटीपी एक्ट 1971 तथा पीसी एंड पीएनडीटी, 1994 की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये है। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान बहादुरगढ़ में एक महिला एएनएम के घर से डायरी प्राप्त हुई है, जिसमें गत 2-3 वर्षों के दौरान उसके द्वारा किये गये लगभग 500 अवैध एमटीपी मामले करने का रिकार्ड प्राप्त हुआ है। इस डायरी के आधार पर विभिन्न अल्ट्रासाऊंड सैंटरों पर छापामारी की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी एएनएम मंजू लता का पति भगत सिंह भी एक बीएएमएस डॉक्टर के रूप में कार्य कर रहा था जोकि एक छोलाछाप डॉक्टर है तथा पुलिस द्वारा जांच में उसकी डिग्री फर्जी पाई गई है, जिस पर भारतीय चिकित्सा परिषद् अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इसी प्रकार का बहादुरगढ में एक अन्य सैंटर और पाया गया है, जिसके खिलाफ भी गत रात्रि मामला दर्ज कर लिया गया है तथा उनकी अल्ट्रासाऊंड मशीन को कब्जे में लिया गया है।
File and courtesy photo |
हरियाणा खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पिछले पांच दिनों में लगभग 50 गैर पंजीकृत तथा अनाधिकृत झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है तथा उनके चिकित्सा उपकरणों एवं दवाइयों को कब्जे में लिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य एवं औषध प्रशासन के आयुक्त डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि इस दौरान 10 मामले एमटीपी एक्ट के तहत भी दर्ज किये गये है, जिसमें से छह मामले बहादुरगढ़ के है जबकि एक-एक मामला लाखनमाजरा, हांसी, फतेहाबाद तथा सिरसा का है। डॉ गुप्ता ने बताया कि खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा अप्रैल, 2013 से अब तक गैर पंजीकृत तथा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगभग 240 मामले दर्ज करवाये जा चुके है। इनमें फरीदाबाद के 61 मामले, अंबाला के 43 मामले, कुरूक्षेत्र के 23 मामले, गुड़गांव के 31 तथा सिरसा के 14 मामले शामिल हैं। राज्य औषध नियंत्रक डॉ जी एल सिंगल ने बताया कि इस अभियान के दौरान ऐसे और भी मामले सामन आये है, जिनमें दाईयां व एएनएम गैर कानूनी ढंग से गर्भपात करती पायी गई है। इस दौरान उनके कब्जे से भारी मात्रा में वैज्ञानिक औजार पाये गये है। इन सभी के खिलाफ के एमटीपी एक्ट 1971 तथा पीसी एंड पीएनडीटी, 1994 की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये है। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान बहादुरगढ़ में एक महिला एएनएम के घर से डायरी प्राप्त हुई है, जिसमें गत 2-3 वर्षों के दौरान उसके द्वारा किये गये लगभग 500 अवैध एमटीपी मामले करने का रिकार्ड प्राप्त हुआ है। इस डायरी के आधार पर विभिन्न अल्ट्रासाऊंड सैंटरों पर छापामारी की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी एएनएम मंजू लता का पति भगत सिंह भी एक बीएएमएस डॉक्टर के रूप में कार्य कर रहा था जोकि एक छोलाछाप डॉक्टर है तथा पुलिस द्वारा जांच में उसकी डिग्री फर्जी पाई गई है, जिस पर भारतीय चिकित्सा परिषद् अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इसी प्रकार का बहादुरगढ में एक अन्य सैंटर और पाया गया है, जिसके खिलाफ भी गत रात्रि मामला दर्ज कर लिया गया है तथा उनकी अल्ट्रासाऊंड मशीन को कब्जे में लिया गया है।
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