Monday, May 12, 2014

भगाना काण्ड पीड़िता के चाचा ने खाया ज़हर

हालत खराब--अब वेंटिलेटर पर 
हिसार: 12 मई 2014: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो): 
लगता है लोग द्रोपदी क चीरहरण और उसके परिणाम स्वरूप हुआ महाभारत--सब कुछ भूल चुके हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो भगाना कांड की एक पीड़िता के चच्चा को ज़हर नहीँ खानी पड़ती। भगाना गांव की चार रेप पीड़िताओं में से एक के चाचा ने सोमवार देर शाम गांव में ही जहर खा लिया। नतीजतन अब वह वेंटिलेटर पर है। पुलिस के मुताबिक देर रात उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। इस पीड़िता की चाची ने आरोप लगाया है कि दुष्कर्म मामले में उचित कार्रवाई नहीं किए जाने से बेहद निराश और दुखी हो उनके पति ने जहर खाया है। देश की महानता के नारों और महिला सूरक्षा के दावों क खोखलापन उजागर करने वाली इस घटना ने फ़िर कई स्वाल उठाएं हैँ।  
गौरतलब है कि भगाना में गत 23 मार्च को चार लड़कियों का अपहरण हो गया था। वे सभी बठिंडा में मिली थीं। पुलिस व प्रशासन के रवैये से क्षुब्ध भगाना के ग्रामीणों व पीड़ित चारों लड़कियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी शुरू किया था। इसके साथ ही उन्होंने नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आवास का घेराव भी किया।
प्रशासन पर उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए सोमवार देर शाम एक पीड़िता के चाचा ने घर के बाहर गांव में ही जहर खा लिया। जहर के असर पर वह गली में गिर गया। देर शाम ग्रामीणों ने जब उसे गली में पड़े देखा तो हांसी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहर खाने वाले व्यक्ति की पीड़िता भतीजी ने ही आरोपियों की पहचान की थी।
डाबड़ा दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने भी खाया था जहर
डाबड़ा दुष्कर्म की पीड़िता के पिता ने भी अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना का पता चलने पर परेशान होकर जहर खा जान दे दी थी। उस मामले में काफी हंगामा हुआ था और आरोपियों को पकड़ा गया था। इस मामले में कई लोगों को सजा हुई थी और कई छूट गए थे। कानून के "लम्बे हाथों की सख़्ती"  एक बार फिर सवालों के घेरे में है। देखना है देवी के 9 रूपों की पूजा करने वाला यह समाज इन लडकियों को कब इन्साफ दिल पाता है। 

भगाणा कांड के पीड़ितों ने की इंसाफ की मांग

 Mon, May 12, 2014 at 9:47 AM
दोषियों को सख्त सजा दी जाए
अनिता भारती
नई दिल्ली, 11 मई। हरियाणा के भगाणा गांव में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई चार नाबालिगों के हक में न्याय की मांग के समर्थन में आज पीड़ितों के साथ भारी संख्या में दिल्ली के सामाजिक कार्यकता, बुद्धिजीवी और विद्यार्थी भी जुटे।  यहां दिल्ली में पंत मार्ग पर स्थित हरियाणा के मुख्यमंत्री आवास पर धरना देते हुए आंदोलनकारियों ने पीड़ितों के प्रति हरियाणा सरकार के रवैए की तीखी आलोचना की और कहा कि ऐसा लगता है कि हरियाणा सरकार सामंती उत्पीड़नकर्ताओं के पक्ष में खड़ी हो गई है और दलितों-पीड़ितों की आवाज को जानबूझ कर दफन किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर जुटे लोगों ने यहां दिल्ली में सरकार और प्रशासन से यह मांग की कि पीड़ितों पर जुल्म ढाने वाले  और फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन कर पीड़ितों को जल्द से जल्द इंसाफ दिलाई जाए।
आंदोलनकारी हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा से मिलना चाहते थे, लेकिन भारी संख्या में पुलिस बल ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के कई बैरिकेड तोड़ डाले और आक्रोश से भर कर वहीं हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए। जब आंदोलनकारियों का गुस्सा नहीं थमा तो उनमें से दस लोगों के प्रतिनिधिमंडल को हरियाणा के मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव सुरेंद्र दहिया से बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन उन्हें कार्रवाई का भरोसा नहीं दिया। इस पर आंदोलनकारियों का गुस्सा और क्षोभ और बढ़ गया तब फिर दुबारा सात लोगों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया, जिसने सुरेंद्र दहिया के सामने जोरदार तरीके से हरियाणा और खासकर भगाणा में दलितों पर होने वाले अत्याचारों का ब्योरा दिया और जल्द कानूनी कार्रवाई करने के साथ-साथ पीड़ितों को मुआवजा देने और उनके पुनर्वास की मांग की। इसके बाद राजनीतिक सचिव की ओर से अगले बहत्तर घंटों के भीतर मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया।   
विरोध प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने भगाणा में पीड़ित किशोरियों के सामूहिक बलात्कार में शामिल अपराधियों को संरक्षण देने वाले गांव के सरपंच और उसके साथियों को भी तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की। भगाणा कांड सघर्ष समिति के प्रवक्ता जगदीश काजला ने कहा कि भगाणा की इन पीड़ित बच्चियों और परिवारों के साथ हुई यह घटना हरियाणा में दबंगों के आतंक की एक छोटी बानगी है। काजला ने कहा कि जिस गांव में दबंगों ने दलित परिवारों का सम्मान से जीना असंभव कर दिया है, वे वहां लौटना चाहते, इसलिए उन्हें वहां से अलग बसाने की व्यवस्था की जाए। बलात्कार पीड़ित एक बच्ची की मां सोना ने कहा कि हरियाणा में हमें इंसाफ नहीं मिला तो हम दिल्ली के जंतर मंतर पर आए कि यहां हमारी आवाज सुनी जाएगी, लेकिन अब एक महीने होने जा रहा है, आज तक केंद्र सरकार या दिल्ली या फिर हरियाणा के प्रशासन या किसी नेता ने हमारा दुख समझने और यहां तक बात करने तक की भी कोशिश नहीं की। सोना ने आगे कहा कि हम देश और प्रशासन से पूछना चाहते हैं कि क्या दलितों का कोई सम्मान नहीं होता, उनकी बेटियां क्या बेटी नहीं होती हैं?
भगाणा गांव की एक वृद्ध महिलाए गुड्डी ने कहा कि जिन बच्चियों के साथ बलात्कार हुआ, उनके सम्मान और गरिमा के खिलाफ अपराध हुआ, वे खुद दिल्ली के जंतर मंतर पर न्याय की आस में बैठी है, लेकिन केंद्र या राज्य सरकार या किसी भी प्रशासन को इनकी बात सुनने की जरूरत महसूस नहीं हुई। विरोध प्रदर्शन के आखिर में भगाणा कांड संघर्ष समिति ने कहा है कि अगर इस मामले में पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ, तो हम देशव्यापी आंदोलन छेड़ने के लिए तैयार हैं।
भगाणा कांड संघर्ष समिति की ओर से
जगदीश काजला
09812034593
अनिता भारती
09899700767