Saturday, January 4, 2014

हरियाणा में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए भी काम शुरू

03-जनवरी-2014 17:36 IST
प्रधानमंत्री ने हरियाणा में किया दो विशेष परियोजनायों का शुभारम्भ 
हरियाणा में विश्व परमाणु ऊर्जा सहभागिता केन्द्र और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की आधार शिला रखे जाने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री का संबोधन 
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज झज्जर, हरियाणा में विश्व परमाणु ऊर्जा सहभागिता केन्द्र और राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की आधार शिला रखे जाने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को सम्बोधित किया। उनके सम्बोधन का हिंदी पाठ नीचे दिया जा रहा है- 
प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह जब 3 जनवरी 2014 को हरियाणा के बहादुरगढ़ हवाई अडडे पर पहुंचे तो वहां उन्हें सुस्वागतम कहने ले लिए हरियाणा के राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया, केंद्रीय स्वास्थ्य व् परिवार भलाई मंत्री गुलाम नबी आज़ाद और हरियाणा के मुख्य मंत्री भूपेंद्र सिंह हुडडा भी विशेष तौर पर मौजूद रहे। (पत्र सूचना कार्यालय)
“आज हमने विश्व परमाणु ऊर्जा सहभागिता केन्द्र की स्थापना के लिए पहला कदम उठाया है। इससे हरियाणा को एक ऐसी संस्था मिलने जा रही है जो महफूज़ और टिकाऊ परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगी। इसके अलावा हमने राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए भी काम शुरू कर दिया है। यह संस्थान हरियाणा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के परिसर की स्थापना की एक बड़ी परियोजना का हिस्सा होगा और देश में कैंसर की बीमारी से संबंधित खोज और उसके इलाज की सुविधाओं के लिए एक उत्कृष्टता केन्द्र के तौर पर काम करेगा। 

ये दोनों परियोजनाएं हमारे देश के लिए बहुत महत्व रखती हैं और मैं हरियाणा सरकार को, श्री भूपेन्दर सिंह हुड्डा और श्री दि‍पेन्‍दर सिंह हुड्डा को इन दोनों संस्थानों की स्थापना के लिए किए गए प्रयास और इस काम में भारत सरकार को दिए जा रहे सहयोग के लिए बधाई देना चाहता हूं। मैं हरियाणा सरकार और मुख्य मंत्री श्री भूपेन्दर सिंह हुड्डा जी को ख़ास तौर पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के दूसरे परिसर के विकास के लिए 300 एकड़ ज़मीन उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ। ये परियोजनाएं न सिर्फ हमारे देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण होंगी। इनकी स्थापना में हमें हरियाणा की जनता का पूरा सहयोग मिला है, जिसके लिए हम सब आपके आभारी हैं। 

जैसे-जैसे हमारे देश की आबादी बढ़ेगी, हमारे देश में शहरीकरण बढ़ेगा और हमारी आमदनी भी बढ़ेगी, हमारे देश में बिजली की मांग भी बढ़ेगी। हमें अपने देश के आर्थिक विकास के लिए बिजली की आपूर्ति को तेजी से बढ़ाना होगा। ऐसा करके ही हम अपने कारखानों, अपने किसानों के सिंचाई पम्पों और लोगों के घरों में रोशनी के लिए बिजली उपलब्ध करा सकेंगे। देश में उपलब्ध बिजली के सभी संसधानों यानी कोयला, पानी, गैस, सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल करने के साथ-साथ हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम प्रदूषण पर काबू पा लें जिससे हमारे वातावरण को कम से कम नुकसान पहुँचे। 

परमाणु ऊर्जा, बिजली बनाने का एक भरोसेमंद और साफ सुथरा ज़रिया है। भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक है, जिन्होंने परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की प्रौद्योगिकी का विकास कर लिया है और परमाणु ईंधन बनाने की काबिलियत भी हासिल कर ली है। हमारा मकसद है कि आने वाले 10 सालों के अंदर हम 27000 मेगावाट से ज्यादा परमाणु ऊर्जा बनाने की क्षमता प्राप्त कर लें। 

परमाणु ऊर्जा बनाने की अपनी क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ हमारे लिए यह भी जरूरी है कि वह सामग्री जिससे परमाणु ईंधन तैयार होता है, महफूज़ रहे और कभी-भी अपराधियों और आतंकवादियों जैसे गलत लोगों के हाथ न लग पाये। यह भी जरूरी है कि हमारे परमाणु ऊर्जा संयंत्र हिफाज़त के सबसे अच्छे तरीकों को अपनाएं। 

भारत में हमने परमाणु ऊर्जा संयंत्र और परमाणु सामग्री की हिफाज़त के लिए बेहतरीन तरीकों को अपनाया भी है। जापान में 2011 में फुकुशिमा के हादसे के बाद हमने अपने परमाणु संयंत्र के डिजाइन और प्रबंधन में सुरक्षा के कई नए उपाय किये हैं। आज हम यह बात पूरे इत्मीनान से कह सकते हैं कि हमारे सुरक्षा मानकों की तुलना दुनिया के सबसे अच्छे सुरक्षा मानकों से की जा सकती है। 

लेकिन हम परमाणु ऊर्जा संयंत्र और परमाणु सामग्री की सुरक्षा और भी मज़बूत करने की कोशिश करते रहेंगे। इससे अपनी ऊर्जा नीति पर हम आत्मविश्वास के साथ अमल करके आगे बढ़ पाएंगे। 

इस काम में विश्व परमाणु ऊर्जा सहभागिता केन्द्र की एक महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। यह पूरी तरह चालू हो जाने पर, ऐसी परमाणु प्रणालियों की खोज और डिजाइन के लिए काम करेगा जो सुरक्षित और टिकाऊ हों और जिनका गलत लोगों के हाथों में पड़ने का कोई खतरा न हो। यह परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में मानव संसाधनों के विकास के मकसद से भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों दोनों को शामिल करके कार्यशालाएं और संगोष्ठियां भी आयोजित करेगा। अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय वैज्ञानिकों को एक साथ लाकर यह केन्द्र उनके लिए अनुसंधान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा और इस तरह से विश्व परमाणु ऊर्जा सहभागिता को बढ़ावा देगा। इन सब मकसदों को पूरा करने के लिए हम अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एंजेसी और रूस, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 

मुझे खुशी है कि इस इलाके में रहने वाले लोगों को इस परियोजना से सीधा लाभ मिलेगा। इसके लिए जिन लोगों की जमीनें ली गई हैं उन्हें मुआवजे के अलावा 33 साल तक वार्षिक भुगतान मिलता रहेगा। इस तरह एक लंबे वक्त के लिए उन्हें आमदनी का ज़रिया उपलब्ध होगा। स्थानीय लोगों के फायदे के लिए इस केन्द्र के आसपास के क्षेत्र में 10 करोड़ रूपये की लागत से कई परियोजनाएं लागू की जाएंगी। इनमें लड़कियों के लिए एक कॉलेज, विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए एक स्कूल, भिंडवास पक्षी विहार का विकास, स्वास्थ्य सुविधाएं, खारे पानी को साफ करने की परियोजना और कंप्यूटर प्रशिक्षण की व्यवस्था भी शामिल है। 

इसके अलावा स्थानीय नौजवानों के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी चलाया जाएगा जिसके ज़रिए उन्हें पानी, ऊर्जा और वातावरण जैसे बुनियादी क्षेत्रों में तकनीकी जानकारी मि‍ल सकेगी। 

परमाणु ऊर्जा विभाग ने इस परियोजना को लागू करने के लिए कड़ी मेहनत की है जिसके लिए मैं उनकी तारीफ करना चाहूंगा। परियोजना की कामयाबी के लिए मैं अपनी शुभकामनाएं भी देना चाहूंगा। 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के झज्जर परिसर में जो राष्ट्रीय कैंसर संस्थान बनाया जाएगा वह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत सरकार की सबसे बड़ी अकेली परियोजना होगी। इसे साढ़े तीन सालों में करीब 2000 करोड़ रुपए की लागत से लागू किया जाएगा। देश में कैन्सर रोग से संबंधित अनुसंधान के लिए यह एक बहुत बड़ा कदम साबित होगा और उत्तरी भारत में कैन्सर के इलाज में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में 710 बिस्तरों की सुविधा होगी और कुल मिलाकर 550 डॉक्टर और 2200 नर्स यहां काम कर पायेंगे। 

भारत में कैंसर, दिल की बीमारियां और मधुमेह जैसी बीमारियों का बोझ तेजी से बढ़ रहा है। इसके मद्देनजर कैंसर रोग से संबंधित अनुसंधान और उसके इलाज के लिए एक संस्थान की ज़रूरत शायद इससे ज्यादा पहले कभी नहीं रही। मैं अपने साथी श्री गुलाम नबी आज़ाद साहब को इस परियोजना को असलियत के इतना करीब लाने के लिए बहुत-बहुत मुबारकबाद देता हूं। साथ में, मैं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को भी इस परियोजना पर मेहनत से काम करने के लिए बधाई देता हूं। 

श्री गुलाम नबी आज़ाद के नेतृत्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। ये सब आम आदमी को सीधे तौर पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के हमारी प्रतिबद्धता का सुबूत हैं। वर्ष 2005 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन शुरू किया गया था, जिसने देश के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल को नई रफ्तार दी है। 

ये दोनों परियोजनाएं बुनियादी तौर पर हमारे देश और हमारी जनता के विकास से जुड़ी हुई हैं। मैं आज आपको यह भरोसा भी दिलाना चाहता हूं कि हमारी सरकार आप और आपके बच्चों का भविष्य बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए हर मुमकिन कोशिश करती रहेगी। 

इन्हीं शब्दों के साथ, मैं आप सबका शुक्रिया अदा करता हूं और राष्ट्रीय विकास के कामों में सफलता प्राप्त करने के लिए हरियाणा के लोगों को बधाई देता हूं। 

जय हिन्द!” 
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वि.कासोटिया/एकेपी/डीसी-31

Friday, January 3, 2014

हरियाणा: झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान तेज़

पांच दिनों में लगभग 50 गैर पंजीकृत तथा अनाधिकृत मामलों में पुलिस प्राथमिकी दर्ज 
File and courtesy photo 
चंडीगढ़, 2 जनवरी 2014:
हरियाणा खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पिछले पांच दिनों में लगभग 50 गैर पंजीकृत तथा अनाधिकृत झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है तथा उनके चिकित्सा उपकरणों एवं दवाइयों को कब्जे में लिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य एवं औषध प्रशासन के आयुक्त डॉ राकेश गुप्ता ने बताया कि इस दौरान 10 मामले एमटीपी एक्ट के तहत भी दर्ज किये गये है, जिसमें से छह मामले बहादुरगढ़ के है जबकि एक-एक मामला लाखनमाजरा, हांसी, फतेहाबाद तथा सिरसा का है। डॉ गुप्ता ने बताया कि खाद्य एवं औषध प्रशासन द्वारा अप्रैल, 2013 से अब तक गैर पंजीकृत तथा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ लगभग 240 मामले दर्ज करवाये जा चुके है। इनमें फरीदाबाद के 61 मामले, अंबाला के 43 मामले, कुरूक्षेत्र के 23 मामले, गुड़गांव के 31 तथा सिरसा के 14 मामले शामिल हैं। राज्य औषध नियंत्रक डॉ जी एल सिंगल ने बताया कि इस अभियान के दौरान ऐसे और भी मामले सामन आये है, जिनमें दाईयां व एएनएम गैर कानूनी ढंग से गर्भपात करती पायी गई है। इस दौरान उनके कब्जे से भारी मात्रा में वैज्ञानिक औजार पाये गये है। इन सभी के खिलाफ के एमटीपी एक्ट 1971 तथा पीसी एंड पीएनडीटी, 1994 की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किये गये है। उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान बहादुरगढ़ में एक महिला एएनएम के घर से डायरी प्राप्त हुई है, जिसमें गत 2-3 वर्षों के दौरान उसके द्वारा किये गये लगभग 500 अवैध एमटीपी मामले करने का रिकार्ड प्राप्त हुआ है। इस डायरी के आधार पर विभिन्न अल्ट्रासाऊंड सैंटरों पर छापामारी की गई है। उन्होंने बताया कि आरोपी एएनएम मंजू लता का पति भगत सिंह भी एक बीएएमएस डॉक्टर के रूप में कार्य कर रहा था जोकि एक छोलाछाप डॉक्टर है तथा पुलिस द्वारा जांच में उसकी डिग्री फर्जी पाई गई है, जिस पर भारतीय चिकित्सा परिषद् अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है। इसी प्रकार का बहादुरगढ में एक अन्य सैंटर और पाया गया है, जिसके खिलाफ भी गत रात्रि मामला दर्ज कर लिया गया है तथा उनकी अल्ट्रासाऊंड मशीन को कब्जे में लिया गया है।

हरियाणा के जिला जींद में होगा ठोस एवं तरल कूडा-कर्कट का प्रबंधन

02-जनवरी-2014 09:51 IST
जींद के सभी गांवों में लगेंगे अलग-अलग प्रौजेक्ट
Rajiv Ratan IAS DC Jind
चण्डीगढ़, 2 जनवरी 2014:
हरियाणा के जिला जींद में ठोस एवं तरल कूडा-कर्कट के प्रबंधन के लिए जींद के सभी गांवों में अलग-अलग प्रौजेक्ट लगाए जाएंगे। इसके लिए एक कार्य योजना तैयार कर कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इस कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेवारी पंचायती राज विभाग को सौंपी गई है। यह जानकारी देते हुए एक प्रवक्ता ने बताया कि जिला जींद के सभी गांवो में ठोस एंव तरल कूडा कर्कट के प्रबंधन के लिए गांव वार अलग-अलग प्रौजेक्ट बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्य योजना के तहत 25 सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट तथा दस सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट प्रौजेक्ट स्थापित करवाने के लिए लगभग 2 करोड़ 28 लाख रूपए की राशि पंचायती विभाग को उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि गांव में गंदे पानी की निकासी करने के लिए सोखते गढ्ढे ,कम लागत में बनने वाली नालियों तथा गंदे पानी को साफ करके पुनः प्रयोग में लाने के लिए थ्री पोंड सिस्टम जैसे कार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गांव में ठोस व तरल कूडा-कर्कट के उचित प्रबंधन के लिए 150 परिवारों वाले गांवों 7 लाख रूपए तक की राशि खर्च की जाएगी। इसी प्रकार से तीन सौ परिवार वाले गांव पर 12 लाख रूपए ,450 परिवार वाले गांव पर 15 लाख रूपए, एवं 450 से उपर परिवार वाले गांव पर 20 लाख रूपए तक की राशि खर्च की जाएगी। उन्होंने बताया कि निर्मल भारत अभियान के तहत इस कार्य योजना को पूरा करवाया जाएगा। इस अभियान के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों, स्कूलों व सार्वजनिक स्थलों पर शौचालयों का निर्माण कार्य भी करवाया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय निर्माण के लिए 37 लाख 84 हजार रूपए की राशि पंचायती विभाग को जारी कर दी गई है। इस राशि से जिला के 473 आंगनवाड़ी केन्द्रों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इसी प्रकार से स्कूलों में शौचालय निर्माण के लिए दो लाख 45 हजार रूपए की राशि जारी की गई है। स्कूलों में शौचालयों का निर्माण कार्य भी पंचायती राज विभाग द्वारा करवाया जाएगा। जारी की गई राशि से 7 स्कूलों में शौचालयों का निर्माण करवाया जाएगा। निर्मल भारत अभियान के तहत निजी शौचालय बनवाने के लिए 3200 रूपए की राशि को बढ़ाकर दस हजार रूपए कर दिया गया है। इन दस हजार रूपए की राशि में से 4600 निर्मल भारत अभियान से तथा 4500 रूपए की राशि मनरेगा योजना के तहत दी जा रही है। निजी शौचालय बनाने के लिए ग्राम पंचायतों को अधिकृत किया गया है।

नन्द लाल पुनिया ने सरकार को सौंपा चेयरमैन पद से अपना इस्तीफा

02-जनवरी-2014 09:50 IST
हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के चेयरमैन का इस्तीफ़ा स्वीकार 
चण्डीगढ़, 2 जनवरी- हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड, पंचकूला के चेयरमैन ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) नन्द लाल पुनिया ने आज चेयरमैन पद से अपना इस्तीफा सरकार को सौंप दिया और सरकार ने इसे स्वीकार कर लिया है। हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड के सदस्य ज्ञान चन्द सहोता आगामी आदेशों तक हरियाणा स्कूल शिक्षक भर्ती बोर्ड, पंचकूला के चेयरमैन के पद का कार्यभार देखेंगे।