हरियाणा की मुख्य सचिव सुश्री केशनी आनन्द अरोड़ा ने की विशेष बैठक
चंडीगढ़: 1 मई 2020: (हरियाणा स्क्रीन ब्यूरो)::
हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने संकट समन्वय बैठक की अध्यक्षता करते हुए संबंधित अधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों को राज्य के भीतर और राज्य से बाहर जाने के लिए अनुमति देते समय उठाए जाने वाले विभिन्न उपायों के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए इन व्यक्तियों की स्क्रीनिंग और चिकित्सा जांच करना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, सब्जी मंडियों में उचित थर्मल स्कैनिंग और सोशल डिस्टेसिंग के मानदंड को बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी रखी जानी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर पैरों को साफ रखने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ लगती राज्य की सीमाओं को सील कर दिया गया है, इसलिए इन सीमाओं पर सख्त निगरानी की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई व्यक्ति उचित चिकित्सा जांच के बिना राज्य के भीतर या राज्य सेबाहर न जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गाँवों के सरपंचों, लम्बरदारों, ग्राम सचिवों से कहा जाए कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह प्रवासी मजदूर, ट्रक चालक या तीर्थयात्री हो, पर कड़ी निगरानी रखें और उनकी पूरी तरह से जाँच की जानी चाहिए और घरों में या संस्थानों में क्वारंटीन होने चाहिएं। इसी प्रकार, शहरों में नगर निगम के मेयर को भी इस प्रकार निगरानी रखने के लिए कहा जाए।
सभी उपायुक्तों को एक ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए जिसके तहत प्रत्येक जिले के अधिकारी प्रवासी मजदूरों की जानकारी तुरंत अन्य जिले के अधिकारियों के साथ सांझा करे, ताकि एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाले ऐसे मजदूरों का मेडिकल परीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के विषय पर बात करते हुए, मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि दूध और सब्जियों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों से आग्रह किया कि वे कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए उनके द्वारा की गई बेस्ट प्रैक्टिस को एक-दूसरे के साथ साझा करें, ताकि सभी जिले एक दूसरे की मदद कर सकें।
उन्होंने सभी उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिए कि जी.टी. रोड पर ऑटो स्पेयर पाट्र्स की दुकानें खुली हों। प्रमुख सैंपल क्लेक्शन केंद्रों पर प्रत्येक कोविड-19 सैंपल की रिपोर्ट की प्रगति की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। संपर्क में आने वालेों की ट्रेसिंग पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि केवल ट्रांसपोर्ट कार्यालय खुलने चाहिए न कि ट्रांसपोर्ट यूनियन के कार्यालय ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों की अनुपालना सुनिश्चित हो। खरीद में लोडिंग और अनलोडिंग से संबंधित सभी मुद्दों का समाधान प्राथमिकता आधार पर किया जाना चाहिए।
उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक कोविड-19 रोगियों का मनोबल बढ़ाने के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को दीर्घकालिक योजना तैयार करने का निर्देश दिए। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोविड रोगियों सहित राज्य के अधिकतम लोग बेहतर ट्रैकिंग के लिए आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें। उन्होंने ई-समीक्षा के संबंध में कहा कि कार्रवाई रिपोर्ट प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 वेबसाइट पर अपलोड की जाए।
बैठक में कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा प्रबंधों के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा में प्रवेश करने वाले प्रत्येक चालक की जाँच सुनिश्चित करने के लिए, शुरुआती तौर पर राज्य को जोडऩे वाले चार राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रत्येक टोल प्लाजा पर विशेष चिकित्सा टीमों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। इन मेडिकल टीमों को प्रत्येक ट्रक चालक की गहन जांच करने के लिए निर्देश दिए गए हैं ताकि कोविड-19 संक्रमण श्रृंखला टूटना सुनिश्चित किया जा सके। टीमें दो शिफ्टों में काम करेगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनुमति मिलने उपरांत खुलने वाले ढाबों में भी चिकित्सा परीक्षण किया जाएगा। आपातकाल के मामलों में जहां किसी भी चालक को कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं, तब उसका सैंपल लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, हेल्थ वर्कर्स, स्वच्छता कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों और आवश्यक सेवाओं में शामिल विभिन्न विभागों में कार्यरत अन्य कर्मचारियों की रैंडम सैंपलिंग की जा रही है।
इसी प्रकार, पड़ोसी राज्यों और अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की 100 प्रतिशत थर्मल स्कैनिंग भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा को रोग-प्रतिरक्षण (इम्युनाइज़ेशन) कार्यक्रम शुरू करने के लिए निर्देशित किया गया है और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को मलेरिया अभियान चलाने के लिए कहा गया है।
इसी प्रकार, आयुष डॉक्टरों को वृद््धजनों सहित समाज के कमजोर वर्ग को कवर करने के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू करने और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस, अखबार विक्रेताओं और स्वच्छता कर्मचारियों को भी यही सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
बैठक में राजस्व और गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव श्री अपूर्व कुमार सिंह, श्रम विभाग के प्रधान सचिव श्री विनीत गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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