मुख्य सचिव सुश्री केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में विशेष बैठक
प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत हरियाणा राज्य स्तरीय स्थायी समिति की बैठक हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई (हरियाणा स्क्रीन) |
चंडीगढ़: 24 अप्रैल 2020: (पुष्पिंदर कौर//हरियाणा स्क्रीन)::
हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय स्थायी समिति की बैठक में आज प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों की बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के उद्देश्य से, प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना (बैच-1) के तहत वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए 11 जिलों नामत: रोहतक, झज्जर, नूंह, दादरी, करनाल, जींद, सिरसा, यमुनानगर, रेवाड़ी, गुरुग्राम और पंचकूला के लिए व्यापक उन्नयन समेकित प्राथमिकता सूची (सीयूसीपीएल) को मंजूरी दी गई।
इसके अलावा, समिति ने 691 किलोमीटर की लंबाई वाली 391 करोड़ रुपये की लागत की 83 विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। उक्त अनुमोदित प्रस्ताव 8 जिलों के लिए हैं और यह प्रस्ताव अब राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना विकास एजेंसी को प्रस्तुत किया जाएगा।
बैठक के दौरान, मु य सचिव को अवगत कराया गया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री ग्राम सडक़ योजना-III पहले ही लॉन्च की जा चुकी है। मंत्रालय द्वारा 5 वर्षों के लिए 2500 किलोमीटर की लंबाई का सांकेतिक आवंटन भी किया गया है। हरियाणा को पहले बैच में यानी वित्तीय वर्ष 2019-20 से पहले 500 किलोमीटर के अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अनुरोध किया गया, परंतु कोविड-19 के कारण यह हासिल नहीं किया जा सका।
बैठक में बताया गया कि अब हरियाणा वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 11 जिलों नामत: रोहतक, झज्जर, पंचकुला, दादरी, नूंह, करनाल, रेवाड़ी, जींद, सिरसा, गुरुग्राम, और यमुनानगर के लिए पहले बैच में लगभग 700 किलोमीटर की मंजूरी प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव रखेगा।
बैठक में वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग की अतिरिक्त मु य सचिव श्रीमती धीरा खण्डेलवाल, लोक निर्माण और वास्तुकला विभाग के अतिरिक्त मु य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव श्री अंकुर गुप्ता और वित्त विभाग के सचिव श्री सुनील शरण उपस्थित थे।
हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों की बेहतर कनेक्टिविटी पर ज़ोर
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