Sunday, December 26, 2021

शहीद उधम सिंह देश के वीर सपूत थे--वन मंत्री कंवर पाल

जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लंदन में जाकर लिया था

चंडीगढ़: 26 दिसंबर 2021: (हरियाणा स्क्रीन ब्यूरो)::

अमर शहीद ऊधम सिंह को आज भी हम सभी नमन करते हैं। हरियाणा के मंत्री ने भी उन्हें याद करते हुए अपनी श्रद्धा के सुमन अर्पित किए। हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल ने कहा कि शहीद उधम सिंह देश के वीर सपूत थे, जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लंदन में जाकर लिया था। ऐसे महान वीर के जन्म से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।

शिक्षा एवं वन मंत्री आज पंचायत भवन गोविंदपुरा, यमुनानगर में शहीद उधम सिंह जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि अपना संबोधन दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमें देश के महापुरुषों व वीरों को हमेशा याद रखना चाहिए। वीर शिवाजी, श्री गुरु गोबिन्द सिंह, महाराणा प्रताप के साथ-साथ असंख्य वीरों ने देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद करवाने के लिए लड़ाइयां लड़ी और अपने प्राण न्यौछावर किए। वीर सावरकर भी ऐसे ही क्रांतिकारी थे और क्रांतिकारियों के जीवन, आदर्शों और उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों से हमें निरंतर प्रेरणा मिलती है। उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के बलिदान को भी याद किया और कहा कि सभी वीरों के जीवन से हम सभी को शिक्षा व प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज फ्रांस, जर्मन, चीन, रूस सहित अनेक देशों में लोग अपने देश की भाषा में ही बात करना पसंद करते हैं। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी हिंदी में ही बात करते हैं। हमें अपनी मातृभाषा को बढ़ावा देना चाहिए।

इस मौके पर उन्होंने काम्बोज सभा यमुनानगर को 11 लाख रुपये तथा कुरुक्षेत्र काम्बोज सभा को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने यमुनानगर-जगाधरी की प्लाइवुड इंडस्ट्रीज की टेलीफोन डायरेक्टरी का विमोचन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने शहीद ऊधम सिंह काम्बोज स्मारक स्थल पर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।

इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मंत्री एवं ओ.बी.सी. मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष कर्ण देव काम्बोज, यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा, हरियाणा व्यापारी कल्याण बोर्ड के चेयरमैन राम निवास गर्ग, नगर निगम के मेयर मदन चौहान, पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय व गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति डा. बी.आर. काम्बोज भी उपस्थित थे।

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